Corona virus को लेकर खुशखबरी
Monday, May 4, 2020
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पूरी दुनिया मे coronavirus के संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा हो रहे है और कुछ अच्छा हो नही रहा हो
Corona virus को रोकने के लिए भारत देश मे भी कई नए तरीके इज़ाद किये जा रहे है , और अच्छी बात ये है कि लोग इस नए तरीके से ठीक भी हो रहे है
इनमे सबसे latest है plasma therapy
Lockdown में पैसे कैसे कमाये
मोबाइल से पैसे कैसे कमाये
जानिए क्या है ये थेरैपी जिसने इस चीनी वायरस पर लगाम लगा दी है
Plasma therepy सुनने में नया लगता है लेकिन ये इलाज की सबसे पुरानी तकनीको में से एक है इस थेरेपी से दिल्ली और कर्नाटक में कई मरीज ठीक भी हुए है , अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली और कर्नाटक के कुछ अस्पतालों को इस थैरेपी से इलाज को मंजूरी दी है कोरोना वायरस से लड़ने में ये इलाज बेहद कारगर साबित हो रहा है
क्या है प्लाज्मा थैरेपी
दिल्ली के ilbs अस्पताल के प्रमुख डॉ. एस . के. सिरिन का कहना है की प्लाज्मा थैरेपी के तहत ठीक हो चुके लोगो के प्लाज्मा को मरीजो से transfusion किया जाता है इस थैरेपी में antibodies का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी वायरस या बैक्टिरिया के खिलाफ शरीर मे बनता है , ये antibody ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार मरीज के शरीर मे डाल दिया जाता है मरीज पर antibodies का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है इसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है
फिर भी उसके बाद भारत मे कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या तेजी से बढ़ रही है , ये संक्रमण कब खत्म होगा इसे लेकर तरह तरह के दावे किए जा रहे है
इस बीच सिंगापुर की एक यूनिवर्सिटी ने एक अच्छी खबर दी है Data Science के जरिये दावा किया जा रहा है की भारत मे 20 मई के आसपास कोरोना संक्रमण खत्म हो सकता है , भारत मे अभी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 17 मई तक lockdown घोषित किया गया है
सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स के जरिये कोरोना संक्रमण के फैलने की रफ्तार का विश्लेषण किया , रीसर्च के मुताबिक ये डेटा मरीज के ठीक होने और संक्रमित होने पर आधारित है ,
यूनिवर्सिटी के द्वारा उन सभी देशो के डेटा के जरिए रीसर्च की गयी है , जहाँ कोरोना का संक्रमण ज्यादा है , इनके रीसर्च की खास बात ये है की इनके डेटा आधारित ग्राफ को देखने के बात ये पता चलता है कि ईटली और स्पेन में इनका आंकलन लगभग सही साबित हुआ । इन दोनों ही देशो में इस यूनिवर्सिटी ने मई के पहले हफ्ते में कोरोना खत्म होने की बात कही ।
वही दूसरी और कोरोना वायरस को लेकर भारत के वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया , जब से ये वायरस अस्तित्व में आया है दुनियाभर के वैज्ञानिक इस पर रीसर्च में जुटे हुए है ।
भारत मे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बॉयोमेडिकल जिनोमैक्स ने कोरोना वायरस पर एक बड़ा रीसर्च किया ।
कोलकाता से 50 किमी दूर कल्याण के एक इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक कोरोना वायरस पर हुए रीसर्च पर ये पता चला है की खुद में लगातार बदलाव कर ये वायरस 11 अलग - अलग प्रकार में बदल चुका है ।
इसी में इसका एक रूप है A2A । शोध से पता चला है कि A2A टाइप कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक रुप है । अब कोरोना का यही रूप पूरी दुनिया मे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहा है ।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स की रीसर्च में ये भी पता चला है की कोरोना के बाकी वायरस के मुकाबले A2A वायरस का तेजी से transmission होता है इसी के चलते ये वायरस पूरी दुनिया मे तेजी से फैल गया है ।
A2A वायरस इंसानो के फेफड़ो में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की क्षमता रखता है । पिछला सार्स कोवि वायरस जिसने 10 साल पहले 800 लोगो की जान ले ली थी , और 8000 से ज्यादा लोगो को संक्रमित किया था , उसने भी इंसानो के फेफड़ो में घुसने की क्षमता विकसित कर ली थी । हालांकि उसकी क्षमता A2A वायरस के मुकाबले काफी कम थी ।
रीसर्च के मुताबिक पिछले 4 महीने में Covid -19 वायरस के 10 प्रकार अपने पुराने O Type के थे । मार्च के आखिरी सप्ताह से A2A ने पुराने वायरस की जगह लेना शुरू कर दी । और अब पूरी दुनिया में यह फेल चुका है । यह दूसरे प्रकार के वायरस को Replace कर चुका है । और सार्स कोवि - 2 का ताकतवर प्रकार बन चुका है ।
Corona virus को रोकने के लिए भारत देश मे भी कई नए तरीके इज़ाद किये जा रहे है , और अच्छी बात ये है कि लोग इस नए तरीके से ठीक भी हो रहे है
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जानिए क्या है ये थेरैपी जिसने इस चीनी वायरस पर लगाम लगा दी है
Plasma therepy सुनने में नया लगता है लेकिन ये इलाज की सबसे पुरानी तकनीको में से एक है इस थेरेपी से दिल्ली और कर्नाटक में कई मरीज ठीक भी हुए है , अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली और कर्नाटक के कुछ अस्पतालों को इस थैरेपी से इलाज को मंजूरी दी है कोरोना वायरस से लड़ने में ये इलाज बेहद कारगर साबित हो रहा है
क्या है प्लाज्मा थैरेपी
दिल्ली के ilbs अस्पताल के प्रमुख डॉ. एस . के. सिरिन का कहना है की प्लाज्मा थैरेपी के तहत ठीक हो चुके लोगो के प्लाज्मा को मरीजो से transfusion किया जाता है इस थैरेपी में antibodies का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी वायरस या बैक्टिरिया के खिलाफ शरीर मे बनता है , ये antibody ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार मरीज के शरीर मे डाल दिया जाता है मरीज पर antibodies का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है इसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है
फिर भी उसके बाद भारत मे कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या तेजी से बढ़ रही है , ये संक्रमण कब खत्म होगा इसे लेकर तरह तरह के दावे किए जा रहे है
इस बीच सिंगापुर की एक यूनिवर्सिटी ने एक अच्छी खबर दी है Data Science के जरिये दावा किया जा रहा है की भारत मे 20 मई के आसपास कोरोना संक्रमण खत्म हो सकता है , भारत मे अभी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 17 मई तक lockdown घोषित किया गया है
सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स के जरिये कोरोना संक्रमण के फैलने की रफ्तार का विश्लेषण किया , रीसर्च के मुताबिक ये डेटा मरीज के ठीक होने और संक्रमित होने पर आधारित है ,
यूनिवर्सिटी के द्वारा उन सभी देशो के डेटा के जरिए रीसर्च की गयी है , जहाँ कोरोना का संक्रमण ज्यादा है , इनके रीसर्च की खास बात ये है की इनके डेटा आधारित ग्राफ को देखने के बात ये पता चलता है कि ईटली और स्पेन में इनका आंकलन लगभग सही साबित हुआ । इन दोनों ही देशो में इस यूनिवर्सिटी ने मई के पहले हफ्ते में कोरोना खत्म होने की बात कही ।
वही दूसरी और कोरोना वायरस को लेकर भारत के वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया , जब से ये वायरस अस्तित्व में आया है दुनियाभर के वैज्ञानिक इस पर रीसर्च में जुटे हुए है ।
भारत मे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बॉयोमेडिकल जिनोमैक्स ने कोरोना वायरस पर एक बड़ा रीसर्च किया ।
कोलकाता से 50 किमी दूर कल्याण के एक इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक कोरोना वायरस पर हुए रीसर्च पर ये पता चला है की खुद में लगातार बदलाव कर ये वायरस 11 अलग - अलग प्रकार में बदल चुका है ।
इसी में इसका एक रूप है A2A । शोध से पता चला है कि A2A टाइप कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक रुप है । अब कोरोना का यही रूप पूरी दुनिया मे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहा है ।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स की रीसर्च में ये भी पता चला है की कोरोना के बाकी वायरस के मुकाबले A2A वायरस का तेजी से transmission होता है इसी के चलते ये वायरस पूरी दुनिया मे तेजी से फैल गया है ।
A2A वायरस इंसानो के फेफड़ो में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की क्षमता रखता है । पिछला सार्स कोवि वायरस जिसने 10 साल पहले 800 लोगो की जान ले ली थी , और 8000 से ज्यादा लोगो को संक्रमित किया था , उसने भी इंसानो के फेफड़ो में घुसने की क्षमता विकसित कर ली थी । हालांकि उसकी क्षमता A2A वायरस के मुकाबले काफी कम थी ।
रीसर्च के मुताबिक पिछले 4 महीने में Covid -19 वायरस के 10 प्रकार अपने पुराने O Type के थे । मार्च के आखिरी सप्ताह से A2A ने पुराने वायरस की जगह लेना शुरू कर दी । और अब पूरी दुनिया में यह फेल चुका है । यह दूसरे प्रकार के वायरस को Replace कर चुका है । और सार्स कोवि - 2 का ताकतवर प्रकार बन चुका है ।
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